हमारी ये आँखे बहुत कुछ कहती हैं कि ये बहुत कुछ सहती हैं इसलिए हम झुका लेते हैं हमारी ये आँखे बहुत कुछ कहती हैं कि ये बहुत कुछ सहती हैं इसलिए हम झुका लेते...
संभाल के समेटना इन दियों को सारी रात हमें रोशनी देने के लिए खुद की तपिश में जलती रही। संभाल के समेटना इन दियों को सारी रात हमें रोशनी देने के लिए खुद की तपिश मे...
धरा पर कहीं बाद में प्रेयसी की आँखों में वसंत पहले उतरता है। धरा पर कहीं बाद में प्रेयसी की आँखों में वसंत पहले उतरता है।
तेरा रूप समेटकर खुद में, गीत नया बनाऊँ मैं, जब भी तुम आओ सामने नित् नया सुनाऊँ मैं , तेरा रूप समेटकर खुद में, गीत नया बनाऊँ मैं, जब भी तुम आओ सामने नित् नया...
कौन है वो शायद असफल अपनी जिंदगी से नहीं अपनी किस्मत से वो जीतना चाहता कौन है वो शायद असफल अपनी जिंदगी से नहीं अपनी किस्मत से वो जीतना चाहत...
कुछ मुस्कुरा कर मुझ को देखती है कुछ मुस्कुरा कर मुझ को देखती है